Saving Tips, Bachat ka Mahamantra |
इस दुनिया में हर व्यक्ति धनवान बनने की सोच रखता है, लेकिन सच्चाई यह है कि कुछ लोग ही धनवान बन पाते हैं। निश्चित रूप से उनमें कुछ अच्छी व ख़ास आदतें होती हैं, जो उन्हें धनवान बनाती हैं। ऐसी आदतों में पैसों की सेविंग, यानी बचत की आदत बेहद महत्वपूर्ण है।
यह कई मायनों में महत्वपूर्ण है, लेकिन पैसे की सेविंग करने से आपके भीतर जो सबसे बड़ी चीज ड़ेवेलप होती है, वह है सिक्योरिटी!
सेविंग से आप हमेशा आर्थिक सुरक्षा महसूस करते हैं।
ऐसे में जब आपके पास आर्थिक सुरक्षा का एहसास उत्पन्न होता है, तो आप खुलकर दूसरे कार्य कर सकते हैं। और जब आप खुलकर कोई कार्य करते हैं तो एक के बाद दूसरी सफलता मिलनी शुरू हो जाती है।
ऐसा नहीं है कि लोग इसकी अहमियत ही नहीं समझते हों, लेकिन चाहकर भी कई लोग पैसा नहीं बचा पाते हैं। आइए देखते हैं कुछ पॉइंट्स, जो आपके आर्थिक जीवन में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं:
अति आवश्यक, आवश्यक, कम आवश्यक एवं गैर-ज़रूरी खर्चों को कटगराईज (वर्गीकृत) करना (Set your Expense Priorities)
हम सभी जानते हैं कि दुनिया में हर एक इच्छा को तुरंत पूरा करना संभव नहीं होता है, लेकिन मन है कि वह हर इच्छा को तुरंत ही पूरा करना चाहता है!
ऐसे में आपको इच्छाओं की प्रायोरिटी बनानी चाहिए। बोले तो आवश्यक क्या है और कम आवश्यक क्या है या फिर ऐसी इच्छा जो बिल्कुल ही गैर जरूरी है।
यकीन मानिए जब आप इस प्रकार की लिस्ट बना लेते हैं, तब आप समझ जाते हैं कि आपको कहां खर्च करना है और किस खर्च को बाद के लिए टाल देना है। ऐसी स्थिति में आप पैसे की सेविंग की तरफ एक मजबूत कदम बढ़ा देते हैं।
क्रेडिट कार्ड एवं क़र्ज़ का जाल (Credit Cards & Loans)
वर्तमान समय में लोन एवं क्रेडिट कार्ड का चलन जबरदस्त ढंग से हर किसी पर हावी है। क्रेडिट कार्ड की अगर बात करें तो यह इतना आकर्षक लगता है कि आप चाहे-अनचाहे इसके जाल में फंस ही जाते हैं, पर क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने वाले 100 लोगों से अगर आप बात करेंगे तो उसमें 90 से अधिक लोग आपको बताएंगे कि अपने क्रेडिट कार्ड की वजह से उन्हें काफी नुक्सान झेलना पड़ा है।
इसके पीछे लॉजिक बड़ा सिंपल है!
एक तो क्रेडिट कार्ड से लोग बेतहाशा खर्च करते हैं और उस पैसे को अपना समझ बैठते हैं, जो वस्तुतः उनका होता ही नहीं है!
यह मनोवैज्ञानिक रूप से कार्य करता है और आम आदमी इस जाल में फंस ही जाते हैं। मुश्किल तब आती है, जब बार-बार या एक बार ही सही समय पर क्रेडिट-कार्ड का बिल छूट जाता है। ऐसी स्थिति में अनाप-शनाप ब्याज वसूले जाने के कारण कई लोग तो बड़े संकट में पड़ जाते हैं।
ध्यान रहे, क्रेडिट कार्ड पर बैंक अनियंत्रित ब्याज वसूलते हैं और उसकी कहीं सुनवाई भी नहीं होती है।
इसी प्रकार अगर आप गैरजरूरी लोन लेते हैं तो उसका ब्याज बढ़ता जाता है और आपकी सेविंग उसमें डूबती जाती है।
इसलिए जितना हो क्रेडिट-कार्ड एवं लोन से आपको बचना चाहिए।
सेकंड सोर्स ऑफ़ इनकम (Second Source of Income)
सेविंग के लिए एक और जो जरूरी चीज है, वह है सेकंड सोर्स आफ इनकम!
आज के समय में कई खर्च ऐसे होते हैं जो आप टाल नहीं सकते। ऐसी स्थिति में अगर आप एक निश्चित रकम ही कमाते हैं तो सेविंग करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में आपको सेकंड सोर्स आफ इनकम की तरफ देखना चाहिए। ढूँढने पर निश्चित ही आपको ऑप्शन दिख जायेंगे, बस आपको कदम आआगे बढाने की ज़रुरत है।
अपने खाली समय में आप क्या कर सकते हैं, किस प्रकार से आप अतिरिक्त पैसा बना सकते हैं, इसके लिए आप इन्टरनेट की मदद ले सकते हैं। यह निश्चित रूप से आपके कॉन्फिडेंस को भी बढ़ाएगा तो आपकी सेविंग अकाउंट को भी मजबूत करेगा।
जब 2 अलग सोर्स से इनकम आती है तो एक सोर्स को आप पूरी तरह से सेविंग में डाल सकते हैं, जो बाद के दिनों में आपके लिए लाभकारी रहेगा।
निवेश (Investment)
सेविंग का मतलब यह नहीं है कि आप घर में कैश बटोरते जाएँ या बैंक के सेविंग अकाउंट में ही पैसे जमा करते जाएं!
एक इमरजेंसी फंड को छोड़ दिया जाए तो अगर आपके पास अतिरिक्त पैसे हैं तो उन्हें समझदारी से निवेश करने से आपकी सेविंग ही मजबूत होती है। आप विभिन्न माध्यमों से अलग जगहों पर निवेश भी कर सकते हैं, जो धीरे-धीरे आपकी पूंजी को बढ़ाता जाएगा।
एक सीमा से अधिक कैश अपने पास न रखें, बल्कि उसे गोल्ड, एसआईपी, प्रॉपर्टी या मार्केट में समझदारी से इन्वेस्ट करें।
ध्यान रहे सेविंग का महामंत्र अगर आपने अपना लिया तो आर्थिक सुरक्षा के रास्ते धनवान बनने की ओर बेहद मजबूती से अपने कदम बढ़ा सकेंगे।
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