फ्री में मिलती है फिर भी नहीं लेते "विटामिन डी"

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फ्री में मिलती है फिर भी नहीं लेते "विटामिन डी"

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Why We Need Vitamin D (Pic: cancer)


एक वक्त था जब कमजोरी- (Deficiency) का मतलब होता था खून की कमी यानी कि हीमोग्लोबिन की कमी। लेकिन आज के इस दौर में तो तरह-तरह की डिफिशिएंसी देखने को मिलती है, वह भी बहुत ही कम उम्र से ही। आजकल शरीर की कमजोरी (Deficiency ) में सबसे प्रमुखता से नाम आ रहा है "विटामिन डी' (Vitamin D) का! आज के टाइम में ज्यादातर लोग विटामिन डी की कमी से जूझ रहे हैं और लोग इसे मामूली प्रॉब्लम समझ कर इग्नोर कर देते हैं । बिना यह जाने कि इसके नतीजे कितने खतरनाक साबित हो सकते हैं ? इसलिए आज हम बहुत ही साधारण भाषा में विटामिन डी के बारे में जानने की कोशिश करेंगे। 

 विटामिन डी (Vitamin D) क्या है?
 इसका नाम भले ही विटामिन डी हो पर यह विटामिन नहीं है, यह प्रो साल्यूबल हार्मोन का एक समूह है। यानि कि वह हार्मोन जो हमारे शरीर को कैल्शियम पचाने में मदद करता है। 
सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणें जब हमारे शरीर पर पड़ती हैं तो हमारा शरीर अंदर मौजूद कोलेस्ट्रोल से विटामिन डी बना लेता है। यह दो किस्म का होता है पहला विटामिन D3 जो मछली समेत कई जानवरों में पाया जाता है, जब हमारी त्वचा पर सूरज की रोशनी पड़ती है तो भी यह विटामिन D3 बनता है। विटामिन डी की दूसरी किस्म है डी2 जो पौधों से मिलने वाले खानपान से हम प्राप्त करते हैं। इनमें से विटामिन डी3 ज्यादा कारगर है ,ज्यादातर विटामिन डी सप्लीमेंट में यही होता है। इसका सीधा सा मतलब यह समझिए कि आप कितना भी कैल्शियम लेंगे मगर विटामिन डी की कमी है तो आपका शरीर कैल्शियम को पचा (Absorb) नहीं पाएगा और आपके शरीर में कैल्शियम की कमी भी होगी। 

विटामिन डी की कमी से होता क्या है?
 विटामिन डी को चमत्कारी विटामिन कहा जाता है यह हमें रोगों से बचाता है, थकान, मांसपेशियों की कमजोरी हड्डियों में होने वाली तकलीफ और डिप्रेशन से बचाने में भी विटामिन डी मददगार होता है।विटामिन डी हमारी उम्र बढ़ने से आने वाले बदलावों से भी हमारी रक्षा करता है, यह हमारे इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है।

"दिक्कत यह है कि बहुत ज्यादा तेल वाली मछली को छोड़ दें तो हमारे पास खानपान के जरिए विटामिन डी हासिल करने का कोई और तरीका नहीं है"।

Why We Need Vitamin D (Pic: today)



 सूरज की रोशनी कितनी जरूरी?
अगर आप रोज खुले हाथ और फेस के साथ  एक से 2 घंटे डायरेक्ट सूरज की रोशनी में बिताते हैं तो कुछ हद तक आपके विटामिन डी  की रिक्वायरमेंट पूरी हो जाती है। जिन्हें इतनी भी सूरज की रोशनी नहीं मिलती उन्हें विटामिन डी सप्लीमेंट लेना चाहिए। यानी कि सभी समस्या की जड़ जो है हमारा सूरज की रोशनी से दूर होना है।

 अब समय आ गया है कि हम अपनी आदतों को बदलें थोड़ी देर सूरज की डायरेक्ट रोशनी में बिताए और विटामिन डी की डेफिशियेंसी से बचें जो कि हमें रोज फ्री में मिल रही है तो उसका लाभ उठाएं। भारत जैसे देश में जहां सालभर धूप निकलती है फिर भी इसकी कमी होने पर सोचना पड़ेगा कि हम कहां चूक रहे हैं ? 

-पूनम सिंह भिलाई 








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