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मशरूम की खेती करना, पहले तो ज्यादा चलन में नहीं था लेकिन किसानों को मशरूम की खेती से अच्छा मुनाफा होने के कारण इसकी खेतीकरने में किसान ज्यादा दिलचस्पी रख रहे हैं। तो चलिए जानते हैं कि मिलिट्री मशरूम की खेती कैसे करें
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https://play.google.com/store/apps/details?id=in.articlepediaहरियाणा के गुरुग्राम में रहने वाले एक किसान ने अपने घर पर ही मिलिट्री मशरूम की खेती करके लाखों रुपए कमाए और यह साबित कर दिया कि ढेर सारे जमीन होने पर ही नहीं बल्कि कम खेत में भी अत्यधिक धन कमाए जा सकते हैं। उन्होंने यह बताया कि कि मैंने अपने एक छोटे से रूम में ही इस खेती की शुरुआत की और आज लाखों रुपए कमा रहा हूं। वह हरियाणा के गुरुग्राम जिले के जबलपुर के निवासी हैं और उनका नाम विनोद यादव है। और वह मिलिट्री मशरूम की खेती करके लाखों रुपए कमा रहे हैं। उन्होंने अपने मिलिट्री मशरूम की खेती की शुरुआत को एक दिलचस्प तरीके से बताया है।
मिलिट्री मशरूम की खेती का प्रशिक्षण
विनोद ने बताया कि उन्हें बदलते मौसम के कारण एलर्जी की समस्या हो गई थी। इसके कारण उनके एक मित्र ने उन्हें मिलिट्री मशरूम का सेवन करने का सलाह दिया। उन्होंने कहा कि इसके प्रतिदिन सेवन मात्र से ही आपका स्वास्थ्य ठीक हो जाएगा। कुछ दिनों के पश्चात इसके आश्चर्यजनक तथा सकारात्मक प्रभाव दिखने लगे इससे उत्साहित होकर उन्होंने मिलिट्री मशरूम की खेती करने का निश्चय किया और वह अपने घर के एक 15×15 के कमरे को लैब में तब्दील कर दिया तथा एक लाख रुपए की लागत लगाकर इसके लिए संसाधनों को खरीदा तथा इसकी खेती करना शुरू कर दिया।
शुरुआती समय में इन्हें सिर्फ आधा किलो मशरूम का ही उत्पादन हो पाता था। जिससे वह अपने काम पर अत्यधिक जोर देने लगे तत्पश्चात वह इस समय डेढ़ से दो किलो मिलिट्री मशरूम का उत्पादन कर पाते हैं। इसकी बाजार में कीमत 2 से 3 लाख रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिकता है। वह बताते हैं कि वह मिलिट्री मशरूम की खेती से हर माह 70 से 80 हजार रुपए कमा लेते हैं। इसे सुखाकर 3 से 4 साल तक रखा जा सकता है। इसकी खेती से नुकसान की संभावना कम है। मिलिट्री मशरूम की खेती लाभदायक होती है।
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कैसे करें मिलिट्री मशरूम का उत्पादन
विनोद ने बताया कि उन्होंने मिलिट्री मशरूम को उगाने के लिए अनेक प्रकार के संसाधनों का उपयोग किया। उन्होंने बताया कि वह इस खेती के लिए रोटरी शैकर, लैमिनार फ्लो, ऑटो क्ले जैसे उपकरणों की आवश्यकता पड़ी। वह इसे अपने स्थानीय बाजारों से खरीदा है। और वह लिक्विड कल्चर मीडिया को उत्तर प्रदेश से मंगवाया है। उन्होंने बताया कि इस की खेती किस प्रकार से की जाती है–
सबसे पहले कांच या प्लास्टिक के जार, ब्राउन राइस आदि को ऑटो क्ले मैं 122 डिग्री ताप पर बैक्टीरिया फ्री किया जाता है।
इसके बाद आलू के पल्प को उबालकर इसे फिल्टर करने के बाद इसमें एस्ट्रोड तथा पैक्टॉन जैसे पोषक तत्वों को मिलाया जाता है।
तत्पश्चात 40 मिलीलीटर लिक्विड कल्चर तथा 40 मिलीलीटर ब्राउन राइस डाला जाता है।
लैब में इन बॉक्स को 7 दिनों के लिए पूरी तरह से अंधेरे में रखा जाता है।
इस प्रक्रिया में कमरे का तापमान 18 से 22 डिग्री तक होता है।
उत्पाद तैयार हो जाने के बाद इसे डिहाइड्रेटर में ड्राई किया जाता है।
वह बताते हैं की एक बोतल में कम से कम 5 से 7 ग्राम सूखा मिलिट्री मशरूम तैयार होता है तथा इसे सामान्य ताप पर 3 से 4 वर्षों के लिए सुरक्षित रख सकते हैं।
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मिलिट्री मशरूम का उपयोग कैसे करें
यह औषधि के रूप में अत्यधिक उपयोगी होता है। मिलिट्री मशरूम का उपयोग डायबिटीज, कैंसर, अस्थमा जैसे बीमारियों की दवा बनाने के लिए किया जाता है। इसके प्रतिदिन 1 ग्राम सेवन से ही आपके शरीर में इम्यूनिटी तथा स्टैमिना अच्छी तरह से रहता है। मिलिट्री मशरूम का प्रतिदिन 1 ग्राम सेवक करना पर्याप्त होता है। मिलिट्री मशरूम का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। इसलिए मशरूम की कीमत तथा मांग बढ़ गई है।
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