- अपने स्वयं के इतिहास में जाइए, और उन बिंदुओं को टटोलिए, जिनसे आपको सीख मिली है
- कहानियों में मानवीय पक्ष को देखने का प्रयत्न करें. थोड़ी संवेदनशीलता दिखलायें
- आप यह कह सकते हैं कि यहां रोजी-रोटी के लाले पड़े हैं, और लेखक महोदय साहित्यिक सलाह दिए जा रहे हैं, तो अब एक प्रैक्टिकल सलाह सुन लीजिए...
लेखक: मिथिलेश कुमार सिंह, नई दिल्ली
Published on 17 May 2021 (Last Update: 17 May 2021, 4:42 PM IST)
बेहद प्रसिद्ध धारावाहिक महाभारत में भला किसने नहीं सुना होगा कि 'मैं समय हूं'!
मैं निरंतर परिवर्तित होता रहता हूं और मैं साक्षी हूं तमाम युगों में, सदियों में, दशकों में घटी घटनाओं का...
मैं साक्षी हूं उन तमाम अच्छी घटनाओं का, जिन्होंने मानवता के लिए मिसाल पेश की, तो मैं साक्षी हूं उन बुरी घटनाओं का भी, जिसने मानवता को गर्त में धकेला...
परंतु जैसा कि गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि परिवर्तन संसार का नियम है, दिन के बाद रात और रात के बाद दिन आता ही है, किंतु मनुष्य का कर्म निरंतर गतिशील रहना है.
परन्तु देखा जाए तो कईयों के लिए खुद को गतिशील बनाए रखना, सकारात्मक बनाए रखना इतना सहज भी नहीं होता है, किंतु क्या वाकई यह इतना ज्यादा कठिन है?
जरा सोच कर देखिए!
तमाम नकारात्मकता के बावजूद आपको आशा की एक किरण जरूर नजर आएगी!
तमाम कठिनाइयों के बावजूद आपको ऐसी कहानियां भी मिलेंगी ही मिलेंगी, जो ना केवल आप को प्रेरित करती हैं, बल्कि तार्किक रूप से, हर स्थिति में आपको खुद के लिए लड़ने की जिजीविषा भी उत्पन्न करती हैं.
संभवतः इस संसार में मनुष्य ही एकमात्र ऐसा प्राणी है, जिसके अंदर तर्क करने की क्षमता है. वह नीर क्षीर का विवेक रखता है, और जब उसे किसी बात का समुचित तर्क मिलता है, तो वह खुद को सकारात्मक बनाने का यथासंभव प्रयत्न भी करता है.
अगर तर्क के पैमाने पर देखें, तो कई ऐसे उपाय नज़र आयेंगे, जो आप नकारात्मकता के इस दौर में आजमा सकते हैं. बहुत सारे आलेखों में, वीडियोज में आप इसके बारे में पढ़ते भी होंगे, उसकी प्रैक्टिस भी करते होंगे, आइये कुछ नए प्रयोगों को ट्राई करते हैं, और बहुत मुमकिन है कि नवाचार (इनोवेशन) की सोच से आप खुद को जबरदस्त ढंग से सकारात्मक रखने में सफल होंगे!
अच्छी यादों को सहेज लीजिए (Save good memories, nostalgic, Write your own History)
एक बार कोशिश कीजिए, आजमाइए इस टिप्स को...
आज भी अगर टेलीविजन पर कोई ऐतिहासिक - पौराणिक कथा आती है, तो हम सब उसे बेहद रोचक तरीके से देखते हैं. अभी हाल ही में महाभारत और रामायण जैसे सीरियल दूरदर्शन पर दिखाए गए, जिसे लोगों ने टूट कर देखा और जबरदस्त ढंग से इसकी व्यूअरशिप (TRP) आई.
इतिहास सदा से ही लोगों को रोमांचित करता रहा है, पर क्या इतिहास सिर्फ राजाओं महाराजाओं का या बड़ी कहानियों का ही होता है?
क्या यादों पर आपका भी उतना ही हक नहीं है, जितना किसी और का!
ऐसे में कभी आपने कोशिश की है, अपना इतिहास लिखने की, अपने संबंधों - परिवार के बारे में गहराई से जानने की? कोशिश कीजिए और शुरू से कोशिश कीजिये. नकारात्मक चीजों को बगैर खुद पर हावी किए, सकारात्मक चीजों को सहेजिये.
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अपने स्वयं के इतिहास में जाइए और उन बिंदुओं को टटोलिए, जिनसे आपको सीख मिली है, आपको प्रेरणा मिली है, और एक बार आज तक के अपने जीवन को रिव्यू कीजिए. यकीन मानिए! यह न केवल आपका तनाव दूर करेगा, बल्कि आने वाले दिनों में आपके भीतर एक बेहतरीन एनर्जी भी भरेगा. आप चाहे उम्र के जिस भी पड़ाव में हों, लेकिन यकीन मानिए, जब आपके सामने आपके जीवन की एक समग्र दृष्टि नजर आएगी, तो आप इसे सकारात्मक लेंगे और सुधारवादी दृष्टि से आगे की ओर अग्रसर हो सकेंगे.
कम से कम एक शौक पूरा करें! (Learn , Complete at least one hobby!)
बहुत मुमकिन रहा हो कि आप हारमोनियम बजाना सीखना चाहते हों, किंतु आज तक आप को समय नहीं मिला है. फिर देर किस बात की है?
यूं भी आप अपने स्मार्टफोन में अच्छा खासा समय व्यतीत करते हैं, तो इसी स्मार्टफोन में ही आपको प्यानो के कई सारे एप्लीकेशन मुफ्त मिल जाएंगे, उन पर आप प्रैक्टिस कर सकते हैं. अगर आपके घर में पहले से कोई वाद्य यंत्र है, तो अति उत्तम... और अगर नहीं है, और अगर संभव है, तो ऑनलाइन अपना पसंदीदा वाद्ययंत्र ऑर्डर भी कर सकते हैं. शुरू में आपको इसमें रुचि लगे न लगे, पर स्मार्टफोन पर आप काफी प्रैक्टिस कर सकते हैं, और धीरे धीरे आपका इंटरेस्ट बढ़ता जायेगा.
इसी तरीके से, अगर आप पेंटिंग सीखना चाहते हैं, और अगर आज तक आपको समय नहीं मिला है, तो आप अभी ट्राई कीजिए. अगर आप ऑफिस नहीं जा रहे हैं, और आपके पास समय मिल रहा है, आपके बच्चे भी आपके साथ घर में हैं, तो आप उनके साथ प्रतिदिन थोड़ा समय अपने किसी शौक को पूरा करने में क्यों नहीं लगा सकते हैं?
7 Tips for Better Time, Hindi Article, Innovative Ideas |
यह कोई भी शौक हो सकता है, यह गाना गाने का शौक हो सकता है!
स्टार मेकर जैसे तमाम एंड्राइड एप्लीकेशन से आप परिचित होंगे, अगर नहीं, तो अपने स्मार्ट फोन के प्ले स्टोर में जाएँ, सीखने का एप्लीकेशन डाउनलोड करें और शुरू हो जाएँ.
कोई भी शौक हो, बस जरूरत है कि किसी भी एक शौक पर आप फोकस करें, उसे कुछ दिन तक कंटिन्यू करें, और फिर आप देखेंगे कि जीवन जीने का सकारात्मक नजरिया आपके भीतर से कैसे उभर कर सामने आता है.
मानवीय पक्ष को महसूस करें, मदद करें, दुआ करें! (Feel the human side, help, pray!)
कई लोग आपको ऐसी सलाह देंगे कि इस महामारी कोरोना के दौर में न्यूज़ से दूर रहो, दर्द भरी कहानियों से दूर रहो, स्ट्रेस से दूर रहो... किंतु यह मानवीय स्वभाव है कि जिस चीज से आप खुद को जितना दूर रहने का प्रयत्न करते हैं, आपका दिमाग उधर, उतना ही खिंचा चला जाता है, उधर ही ध्यान लगा रहता है.
गीता में श्रीकृष्ण भगवान ने इसे इंद्रियों का दमन कहते हुए इसे वर्जित किया है!
आप इंद्रियों का दमन करने की बजाय, उन्हें नियंत्रित करने का प्रयत्न कर सकते हैं, और यह कहीं ज्यादा सार्थक साबित होगा. यूं भी अंजान चीजों से, कम जानकारी की चीजों से लोगों को डर कहीं ज्यादा लगता है. तो खबरें आप देखें, कहानियाँ भी आप सुनें, किंतु उसे खुद के ऊपर हावी न होने दें, और इसका सबसे सकारात्मक रास्ता यह है कि कहानियों में मानवीय पक्ष को देखने का प्रयत्न करें. थोड़ी संवेदनशीलता दिखलायें.
अगर आपका कोई अपना परिचित व्यक्ति कोरोना से पीड़ित है, हॉस्पिटल में भर्ती है, या फिर घर पर क्वारंटाईन है, तो यथासंभव उसके संपर्क में रहें, दर्द को अनदेखा करने की बजाय, हालात का आंकलन करना, संवेदना दिखलाना, स्वयं आपके लिए कहीं ज्यादा लाभदायक होगा. उसकी कुछ मदद कर सकते हैं, तो अति उत्तम, नहीं कर सकते हैं, तो उसके लिए ईश्वर से प्रार्थना तो कर ही सकते हैं.
हालांकि अलग-अलग उम्र के लिहाज से यह सलाह भिन्न हो सकती है, और अगर आप की हालत मेडिकली फिट नहीं है, तो डॉक्टर की सलाह का पालन करना चाहिए.
किंतु सामान्य रूप से अगर आप ठीक हैं, तो चीजों को मानवीय दृष्टि से महसूस करने का प्रयत्न करें, लोगों को ढाढस बंधाने का प्रयत्न करें, उनसे कम से कम फोन पर बात करें, सकारात्मक होकर अपनेपन का व्हाट्सअप मैसेज करें, और ऐसे आप सोसाइटी से जुड़ पाएंगे.
अगर उनके लिए आप एक कदम चल सकते हैं, तो जरूर चलें.
अगर कुछ लोगों को हेल्प कर सकते हैं, तो यथासंभव तन-मन-धन से, सावधानी पूर्वक अपना बचाव करते हुए हेल्प जरूर करें. फिर आप देखेंगे कि आपके भीतर मानवता का संचार होगा, जो यकीनन आपके जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है.
अपनों से बातें करें, संपर्क करें... (Talk to your loved ones, stay in touch)
बहुत संभव है कि जॉब करते हुए, अपना बिजनेस करते हुए आपको इसके लिए समय ना मिला हो, किंतु अब जब आपके पास इसके लिए समय है, तो फोन लगाइए, वीडियो कॉल कीजिये, अपने पुराने से पुराने दोस्त को, अपने किसी रिश्तेदार को बगैर हिचक के कॉल कीजिए.
उसका हाल चाल पूछिए, और अपना हाल-चाल बताइए... अगर एक बार में किसी का फोन नहीं उठता है, तो आप उसे व्हाट्सएप कीजिए, अपना परिचय दीजिए कि मैं फलाना बोल रहा हूं, समय मिले तो कृपया फोन कीजिए.
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अगर फिर भी कोई कॉल बैक नहीं आती है, तो इसे बिल्कुल भी इगो पर लेने की जरूरत नहीं है. आप दोबारा भी कॉल कर सकते हैं, नहीं भी करना चाहें तो किसी और मित्र से बात कीजिए, किसी पुराने कलिग से बात कीजिए. हो सकता है कि आप की पुरानी कंपनी में साथ में कार्य करने वाले दोस्त का नंबर आपके पास हो, उसका कोई फेसबुक का लिंक हो, तो एक बार, बगैर किसी स्वार्थ के, बगैर किसी फायदे नुकसान के, आप यूं ही बात कीजिए और फिर देखिए इस का मजा... आपका तनाव अवश्य ही दूर हो जाएगा!
कुल्हाड़ी की धार को तेज करें (Sharpen the axe, Review your Job / Business Journey, Learn required skills)
यह हर एक के जीवन से संबंधित है!
ऊपर के तमाम सुझावों को पढ़ने के बाद आप यह कह सकते हैं कि यहां रोजी-रोटी के लाले पड़े हैं, और लेखक महोदय साहित्यिक सलाह दिए जा रहे हैं, तो अब एक प्रैक्टिकल सलाह सुन लीजिए!
माना कि आपकी नौकरी गई है, माना कि आपकी सैलरी कट के आपको मिल रही है, माना कि आपका बिजनेस स्लो हो गया है, शायद डाउन हो गया हो, या पूरी तरह से बंद भी हो गया हो, किंतु यह जीवन का अंत नहीं है!
समय बदलेगा, किंतु एक सेकंड रूकिए... !!
जरा सोचिए...
समय तो बदल जाएगा. किंतु आप के हालात भी समय के अनुरूप बदल ही जाएंगे, यह अनिवार्य नहीं है.
यह कोई जरूरी नहीं है, खासकर तब, जब आप कोई प्रयत्न ही नहीं करते हैं.
अगर आप घर में बैठे हैं, पैसे आ नहीं रहे हैं, और ऐसे में आप पर नकारात्मक असर पड़ रहा है, तो भी कार्य करना ना छोड़ें, आने वाले दिनों की तैयारी करना ना छोड़ दें, हर हाल में अपनी कुल्हाड़ी की धार तेज करें...
अमेरिका के महान विचारक और राष्ट्रपति रह चुके अब्राहम लिंकन कहते थे कि "एक पेड़ काटने के लिए आप मुझे 6 घंटे दें और मैं पहले 4 घंटे अपनी कुल्हाड़ी की धार तेज करने में लगाऊंगा।"तो क्या यह, स्वयं आपके लिए, कुल्हाड़ी की धार तेज करने का समय नहीं है?
7 Tips for Better Time, Hindi Article, Innovative Ideas, Sharpen the axe, Review your Job / Business Journey, Learn required skills |
क्या अपने बिजनेस का रिव्यू करने का यह सही टाइम नहीं है? क्या अपने भीतर कोई ज़रूरी स्किल डेवलप करने का यह समय नहीं है? क्या फोन पर, व्हाट्सएप पर, अपनी बिजनेस नेटवर्किंग बढ़ाने का समय नहीं है?
आप अगर इन बातों पर सकारात्मक ढंग से, बारीकी से, सजगता से ध्यान देंगे, तो इन सब चीजों में तुरंत पैसा बेशक न आये, किंतु अगर आप आज प्रयासरत रहेंगे, तो आने वाले दिनों में वहाँ से पैसा अवश्य ही आएगा, इस बात में दो राय नहीं है!
तो कार्य करना जारी रखें... स्किल डेवलपमेंट जारी रखें... और आपके व्यापार में, नौकरी-प्रमोशन में भी उत्तरोत्तर वृद्धि होगी, बेशक वह कुछ समय बाद हो, किंतु होगी अवश्य!
ऐसी अवस्था में आपकी कुल्हाड़ी की धार तेज, बेहद शार्प होनी चाहिए, ताकि मौका मिलते ही आप 2 घंटे से भी कम समय में कटाई कर सकें!
👉 टेक्नोलॉजी, व्यापार, इतिहास, माइथोलॉजी, कानून, पेरेंटिंग, सिक्यूरिटी, पेट केयर, लाइफ हैक, लिटरेचर सहित भिन्न विषयों पर...
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एक बुरी आदत छोड़ दीजिए (Quit a bad habit, at least! Confidence boost up)
आप कहेंगे कि एक बुरी आदत छोड़ने से क्या होगा?
पर एक बुरी आदत छोड़ने से आपका आत्मविश्वास, खुद आपको इस कदर शक्तिशाली नजर आएगा कि आप बड़े से बड़ा कार्य, आसानी आसानी से कर ले जाएंगे. बुरी आदत कोई भी हो सकती है, वह शायद सिगरेट पीना हो सकती है, शराब पीना हो सकती है, देर रात तक मोबाइल फोन देखते रहना हो सकती है, सुबह देर तक सोना हो सकती है, बच्चों से ठीक से बात नहीं करना हो सकती है, अपनी पत्नी की रोजमर्रा के काम में मदद ना करना हो सकती है, गलती के बावजूद किसी को सॉरी ना कहना हो सकती है... या फिर कोई और आदत, जो आपको बुरी लगती हो!
एनालाइज करें और सिर्फ एक बुरी आदत छोड़ने का प्रयोग करें. ईमानदारी से एक बार कोशिश तो कीजिए, और अगर परिवर्तन ना आये तो फोन करके लेखक को बताइएगा कि इससे कुछ भी लाभ नहीं हुआ!
एक बुरी आदत छोड़ने से, 10 गुना आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और अगर आत्मविश्वास बढ़ेगा, तो जीवन में सकारात्मकता आएगी और नकारात्मकता फुर्र हो जाएगी...
स्वास्थ्य से बड़ा कोई धन नहीं (No wealth is better than health)
ध्यान दीजिए! यह टिप्स आपको हर जगह सुनने को मिलती होगी और यह हमेशा ही आपको सुनना चाहिए!
कोरोना वायरस की महामारी भी आपकी मजबूत इम्युनिटी का कुछ नहीं बिगाड़ सकती, किंतु इसका मतलब यह नहीं है कि आप स्वस्थ हैं तो असावधान हो जाएं!
सावधानी रखते हुए अपने स्वास्थ्य का लगातार ध्यान रखें. इसके लिए योगा से लेकर ध्यान , हल्की-फुल्की एक्सरसाइज से लेकर उचित खानपान तक सब कुछ शामिल है, जो आपका हेल्थ दुरुस्त रखेगा. अगर आप एक नियमित दिनचर्या बना लेते हैं, और उसमें इन तमाम जरूरी चीजों को नियमित तौर पर शामिल करते हैं, तो यकीनन आपका हेल्थ आपके लिए वरदान साबित होगा!
यकीन मानिए, सकारात्मक रहने, आशावान रहने, उत्साहित रहने से बड़ा सुख, कुछ भी नहीं है, और ऊपर के सुझावों को एक बार पुनः पढ़ें और पढ़कर ही इतिश्री न कर लें, बल्कि जो उचित लगे, उसे अपनाएं भी.
आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी.
- मिथिलेश.
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