नशे की अंधी गलियों में भटकते देश के कर्णधार: कौन है जिम्मेवार?

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नशे की अंधी गलियों में भटकते देश के कर्णधार: कौन है जिम्मेवार?

  • 31 मई 2021 विश्व धूम्रपान निषेध दिवस पर विशेष 
  • युवा के कंधों पर देश टिका है, मगर यह कंधे थक चुके हैं, उनकी नसों में नशा भर चुका है 

Drug Addiction, Hindi Content at Article Pedia

लेखक: नरेन्द्र भारती (Writer Narender Bharti)
Published on 27 May 2021 (Last Update: 27 May 2021, 5:11 PM IST)

बेशक 31 मई 2021 को विश्व धूम्रपान निषेध दिवस मनाया जा रहा है, मगर ऐसे दिवस औपचारिकता भर ही रह गए हैं। युवा पीढी़ नशे की गुलाम हो चुकी है। नशे की अंधी गलियों में भटक चुके युवाओं को बाहर निकालना हर भारतीय का नैतिक कर्तव्य है।

देश में हर साल लाखों युवा नशे के कारण असमय ही मौत के आगोश में समाते जा रहे हैं। धूम्रपान निषेध दिवस पर एक संकल्प लेना होगा। नशे को जो सब कुछ मान बैठे हैं, वहीं आज छोटे-छोटे बच्चे नशे के आदी हो चुके हैं। अभी उनके दूध के दांत भी नहीं टूटे हैं, मगर वो ऐसे नशा करते हैं कि रुह कांपती है।

हर साल लाखों लोग नशें के कारण अपना जीवन दांव पर लगा रहे हैं। आज विश्व कोराना महामारी से जूझ रहा है।मानवीय त्रासदियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। लाशों के ढेर लग रहे हैं। दफनाने के लिए दो गज जमीन भी नसीब नहीं हो रही है। चारों तरफ कोराना वायरस की तबाही का मंजर है। वायरस जिंदगियां छीनता जा रहा है। समूचे विश्व में महामारी का गंभीर संकट है, वहीं अब तक लाखों लोग इस महामारी के कारण मारे जा चुके हैं। भारत में भी लाखों लोग इस महामारी का दंश झेल चुके हैं। अभी भी लोग संक्रमित हो रहे हैं। यह संख्या निरंतर बढती ही जा रही है।
मई माह में संक्रमण के मामलों में बेतहाशा वृद्वि बहुत ही भयानक रही है। 

ऐसे में प्रतिवर्ष लाखों लोग नशे के कारण भी अकाल मौत मर रहे हैं। आजकज चिटटे का नशा किया जा रहा है। देश के हर राज्य में ही यह नशा किया जा रहा है। हर रोज चिटटे व हैरोइन के अवैध कारोबार करने वालों को पकड़ा जा रहा है। 


नशा आज एक फैशन बन चुका है। नशे के कारण आज कई घरों के चिराग बुझ गए, तो कुछ जेलों में चक्की पीस रहे हैं। जेलों में सड़ रहे हैं। अक्सर देखा गया है कि उच्च घरानों के युवा महंगा नशा कर रहे हैं। वो नशे के बिना रह नहीं सकते। जिंदगियां दाव पर लगा चुके हैं वे। लाईलाज बीमारियों से ग्रस्त होते जा रहे हैं। आज लाखों युवा नशे के कारण मर चुके हैं।नशें की दलदल में धंस रहे हैं वो और इस दलदल से निकलना बहुत ही मुश्किल है। आज मां-बाप दुखी हैं कि उनके चिराग नशे की गिरफ्त में आते जा रहे हैं। आज नशे के सौदागर युवाओं के भविष्य खराब करते जा रहे हैं। 
अगर युवा ही नशे का प्रयोग करेगा, तो आने वाला कल अंधकारमय ही होगा। युवा के कंधों पर देश टिका है, मगर यह कंधे थक चुके हैं, उनकी नसों में नशा भर चुका है। जवान काया शिथिल होती जा रही है। नशे के कारण सड़क हादसों में हर साल लाखों युवस बेमौत मारे जा रहे हैं। सरकारों को राजस्व प्राप्त होता है। सरकारों को देश के कर्णधारों की कोई फिक्र नहीं हेै। राजस्व से ही खजाना भरा जा रहा है। युवा मर रहे हैं। चंद मिन्टों के मजे के लिए अनमोल जीवन बरबाद कर रहे हैं।


कई युवतियां भी नशे की दलदल में फंस चुकी हैं। समाचार पत्रों में डरावने समाचरों से पता चलता है कि आज लड़कियां भी चार कदम आगे जा चुकी हैं। सिगरेट व अन्य चरस जैसे नशे शरीर के अंगों को प्रभवित करती है। कैंसर व तपेदिक व गले के कैसर से मौतों का आंकडा़ हर साल बढ़ता ही जा रहा है। अगर इस नशे को नहीं रोका तो आने वाले साालों में भयावह परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। नशा समाज के लिए नासूर बन गया है।नशे को मिटाने की कसम लेनी होगी। आज नशे के कारण इकलौते बच्चे मारे जा रहे हैं। नशे के लिए पैसा न मिलने केे लिए मां-बाप को मौत के घाट उतारा जा रहा है। अगर सरकारों ने अभी भी कुभंकरणी नींद न तोड़ी, तो फिर सब कुछ लुट जाएगा।

नशे के कारण अपराधों में इजाफा हो रहा है। समाज को इस बुराई पर मंथन करना होगा, ताकि चिरागों को बचाया जा सके। तम्बाकू उत्पादों पर रोक लगानी होगी। अगर सरकारें चाहे तो क्या नहीं कर सकती। राजस्व के लिए और भी साधन हैं। ऐसा राजस्व किस काम जो युवाओं की मौत से प्राप्त हो रहा है। युवाओं की बलि ली जा रही है। नशे का कारोबार करने वालों पर दंडात्मक कारवाई करनी होगी। स्कूलों व कालेजों के सौ मीटर के दायरे में धूम्रपान बेचने वालों को सजा दी जाए, जो चंद चांदी के सिक्कों की कमाई के लिए युवाओं का जीवन लील रहे हैं। लावारिस लाशें मिल रही हैं। युवाओं को बचाना हमारी जिम्मेवारी है। नशे के कारण दंगे व फसाद होते जा रहे हैं। नशे में  अंधा होकर दुष्कर्म किए जा रहे हैं। युवा अनमोल पूंजी है। युवा देश की धरोहर है। 


समाज में एक कमेटी गठित करनी होगी, तभी यह नशा बंद हो सकता है। नशा करने वालों को समाज से बहिष्कृत किया जाए, उनका हुक्का पानी बंद किया जाए, ताकि एक स्वस्थ समाज का निर्माण हो सके और युवाओं का जीवन बचाया जा सके। सामाजिक संस्थाओं को नशे के खिलाफ अभियान चलाने होंगे। युवा ही देश को आगे ले जा सकते हैं। समय अभी संभलने का है। समाज को नशे के विरुद्ध आवाज उठानी होगी, ताकि युवाओं का भविष्य संवर सके। 

World No-Tobacco Day 2021, Hindi Article

अगर समाज अब भी नहीं जागा, तो युवा नशे की दलदल में धंसता जाएगा। समाज से इस बुराई को जड़ से मिटाना होगा। केन्द्र सरकार को नशे को बंद करने के लिए कानून बनाना चाहिए। हर राज्यों की सहभगिता हो तो नशे पर लगाम लग सकती है। देश में नशा मुक्ति केन्द्र खोलने चाहिए, ताकि युवाओं की काउंसलिग की जा सके। सरकार को बिना समय गंवाए, इस पर रोक लगानी होगी, ताकि युवाओं की पीढ़ियां बचाई जा सके। देश की आने वाली पीढ़ीओं को नशे को त्यागना होगा। जीवन को मत गंवाओ, जीवन एक बार ही मिलता है। नशे का खात्मा करना होगा। तभी ऐसे दिवसों की सार्थकता होगी। यह देशहित में है।



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