फ़ूड इंडस्ट्री में आजमाना चाहते हैं हाथ, तो जान लें 'ये बारीकियां'

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फ़ूड इंडस्ट्री में आजमाना चाहते हैं हाथ, तो जान लें 'ये बारीकियां'

  • आपके पास 5 से 10 लाख का बजट है, तो आप भी फ़ूड इंडस्ट्री में अपना हाथ आजमा सकते हैं
  • अगर आपने अपने रेस्टोरेंट की मार्केटिंग अच्छे ढंग से कर ली है, तो इसमें कोई शक नहीं है, कि आपका बिजनेस ठीक प्रकार से चल निकलेगा

How to Start A Restaurant Business

लेखिका: विंध्यवासिनी सिंह (Vindhyawasini Singh)
Published on 15 Jun 2021 (Update: 15 Jun 2021, 12:15 PM IST)

भारतीय समाज शुरू से ही खाने - खिलाने का शौकीन रहा है। इतना ही नहीं, जब दुनिया भर में खाने के सही तरीकों के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं थी, तब यहां प्राचीन काल से ही भोजन में मसालों का प्रयोग होते आ रहा है। छोटा हो या बड़ा, हमारे यहां कोई भी आयोजन भोजन के बिना सम्पूर्ण नहीं होता है। आप इस बात से ही सहज अंदाजा लगा सकते हैं, कि भारत में खाने-ख़िलाने की परंपरा कितनी जटिल है, कि खुशी के साथ-साथ हमारे यहां गम के अवसरों पर भी लोगों को भरपेट भोजन कराया जाता है।

वहीं, अगर इस बात को बिजनेस (Business) के नजरिए से देखें, तो इसमें कोई संदेह नहीं है, कि भारत में खाने का व्यवसाय यानी कि फूड इंडस्ट्री (Food Industry) में ग्रोथ की बहुत सारी संभावनाएं हैं। इतना ही नहीं, कई सारे इंटरनेशनल ब्रांड अपने रेस्टोरेंट और फ़ूड चेन भारत में खोल चुके हैं। वहीं सभी बड़ी सेलिब्रिटीज़ भी फ़ूड इंडस्ट्रीज़ में अपना पैसा लगा रहे हैं। 

ये तो हो गयी बड़े लोगों की बात, लेकिन अगर आपके पास 5 से 10 लाख का बजट है, तो आप भी फ़ूड इंडस्ट्री में अपना हाथ आजमा सकते हैं।

लेकिन हर बिजनेस की तरह इस इंडस्ट्री (Industry) में भी आपको बारीक ज्ञान की आवश्यकता होगी। गहरे रिसर्च के बिना आप अगर इस इंडस्ट्री में उतरते हैं, तो आपका पैसा डूब भी सकता है, और कुछ महीनों के अंतर में ही आपका रेस्टोरेंट या ढाबा बंद हो सकता है।

लेकिन आपको परेशान होने की जरुरत नहीं है, क्योंकि इस लेख के माध्यम से हम कुछ बेसिक इंफॉर्मेशन आपके साथ शेयर करेंगे, जो आपको फूड इंडस्ट्री या रेस्टोरेंट्स के बिजनेस में काम आ सकता है। आईये जानते हैं...  

कैसा हो रेस्टोरेंट का प्रारूप? (Format of the restaurant)

आजकल के आधुनिक समय में दो तरह के रेस्टोरेंट चलन में हैं, पहला 'फास्ट फूड रेस्टोरेंट' यानि कि 'क्विक सर्विस रेस्टोरेंट' (Fast Food / Quick Service Restaurant)। 

दूसरा है 'डाइनिंग रेस्टोरेंट' यानी कि 'फुल सर्विस रेस्टोरेंट' (Dining / Full Service Restaurant)।

आपको रेस्टोरेंट खोलने से पहले यह तय करना होगा कि आप किस तरीके के रेस्टोरेंट में अपना पैसा लगाने वाले हैं। अगर फास्ट फूड सर्विस रेस्टोरेंट की बात करें, तो यह ज्यादा चलन में है। चूंकि मौजूदा समय में लोग 'फास्ट फूड' खाना ज्यादा पसंद करते हैं, इसलिए इसकी डिमांड भी ज्यादा है। 

ऐसे रेस्टोरेंट कम खर्चे और कम जगह में खुल जाते हैं, चूंकि इनका खाने का मेन्यू लिमिटेड होता है, यानि कि सिर्फ दो - तीन तरह का ही फ़ूड ये सर्व करते हैं, इसलिए इनको मेंटेन करना भी काफी आसान होता है। 

वहीं अगर फुल सर्विस रेस्टोरेंट की बात करें तो यह काफी खर्चीला और लंबी प्रक्रिया वाला रेस्टोरेंट होता है। इसमें आपको कई तरीके की मेन्यू को शामिल करना पड़ता है। ऐसे में जाहिर सी बात है कि आपके रेस्टोरेंट का खर्चा बढ़ जाएगा। अगर आप नया नया बिजनेस (New Business Ideas) शुरू कर रहे हैं, तो आपके लिए बेहतर होगा कि आप 'क्विक सर्विस रेस्टोरेंट' से अपने बिजनेस की शुरुआत करें।

फील्ड की नॉलेज जरूरी (Real Knowledge of Restaurant Business)

आप चाहे क्विक सर्विस रेस्टोरेंट खोलें, या फुल सर्विस रेस्टोरेंट, आपको इस फिल्ड से संबंधित बारीक़ से बारीक़ और बड़ी से बड़ी जानकारी पता होनी चाहिए। इसके लिए आप इंटरनेट का सहारा लें, या किसी संस्था से इसकी ट्रेनिंग भी ले सकते हैं। 

इसके अलावा जो लोग पहले से रेस्टोरेंट या 'फ़ूड चेन' चला रहे हैं, उन लोगों के साथ मिलकर, कुछ समय बिताकर यह गहराई से समझने का प्रयास करें कि वह अपने बिजनेस को किस तरीके से चला रहे हैं। अगर आप ऐसा करते हैं, तो यह आपके बिजनेस के लिए काफी फायदेमंद होगा।


खर्चे का सही आंकलन (Restaurant business cost estimation)

आप रेस्टोरेंट खोलने जा रहे हैं, तो आपके पास इस बात का सही - सही आंकलन होना अनिवार्य है, कि इस बिजनेस की शुरुआत में आपको कुल कितने पैसे खर्च करने होंगे। इसके अलावा बिजनेस को अगले छह - सात महीने तक बाधा रहित चलाने के लिए भी आपको एडवांस पैसों की जरूरत को पूरा करने के विषय में विचार अवश्य कर लेना चाहिए।

वहीं, अगर रेस्टोरेंट की शुरुआत में होने वाले टोटल खर्चे की बात करें, तो आप अगर रेस्टोरेंट की जगह को किराए पर ले रहे हैं, तो प्रत्येक महीने का किराया, रेस्टोरेंट में काम करने वाले एम्प्लोयीज की सैलरी, किचन आइटम, ग्रॉसरी आइटम के अलावा फर्नीचर, लाइट, सजावट के सामान और पर्दों के खर्चों के बारे में भी बारीक एनालाइजेशन जरूरी है।

खर्चे दो तरह के होते हैं, एक जो आप शुरुआत में एकमुश्त लगाते हैं, जैसे फर्नीचर, एक बार की जाने वाली खरीददारी इत्यादि। 
वहीं दूसरे खर्चे प्रत्येक महीने आने वाले होते  हैं, जैसे सैलरी, रेंट इत्यादि। इसमें आप प्रत्येक दिन होने वाली कैलकुलेशन भी  शामिल कर सकते हैं।   

स्टॉफ की नियुक्ति करते समय सावधानी (Staff hiring for Restaurant Business)

कई बार देखा जाता है कि रेस्टोरेंट में आवश्यकता से अधिक स्टॉफ की नियुक्ति हो जाती है, जबकि इतनी अधिक मात्रा में ग्राहक रेस्टोरेंट में आते भी नहीं हैं। वहीं, भारी स्टाफ रखने की वजह से आपका आर्थिक स्ट्रक्चर मुश्किल में पड़ जाता है। ऐसे में अपने नए रेस्टोरेंट के लिए  स्टाफ की नियुक्ति पर काफी सोच समझकर विचार करें। 

इसके लिए आप ऐसा करें कि अगर आप नया नया बिजनेस शुरू कर रहे हैं, तो एक मेन कुक के साथ ही एक हेल्पर को नियुक्त करें, जो कुक के बराबर खाने की समझ रखता हो। वहीं, आप दो वेटर और एक सफाई कर्मी के साथ एक मैनेजर को नियुक्त कर सकते हैं। 
किसी भी नए बिजनेस के लिए इतनी स्टॉफ पर्याप्त मानी जाती है, और इससे रेस्टोरेंट के मालिक के ऊपर एक्स्ट्रा बर्डन भी नहीं आता है।

किचन के सामानों की मार्केट से तुलना करते रहें (Daily Price Comparison in Restaurant Business)

आप अपने रेस्टोरेंट (Restaurant Business Plan) के लिए जो भी खाने का आइटम, जिसमें फ्रूट, सब्जियां, दूध, पनीर, दही और किचन के अन्य सामान मंगा रहे हैं, उसकी तुलना बीच-बीच में आपको मार्किट से भी अवश्य करनी चाहिए, ताकि आपको यह पता रहे कि जिस वेंडर को आपने किचन के सामान को लाने के लिए नियुक्त किया है, वह आपको मार्केट रेट से महंगी सब्जियां और किचन आइटम तो नहीं दे रहा है।

How to Start A Restaurant Business

मार्केटिंग पर जबरदस्त पकड़ (Marketing Strategy for Restaurant Business)

कहते हैं कि जो दिखता है, वही बिकता है। 
जी हां! अगर आपने अपने रेस्टोरेंट की मार्केटिंग अच्छे ढंग से कर ली है, तो इसमें कोई शक नहीं है कि आपका बिजनेस ठीक प्रकार से चल निकलेगा। अपने बिजनेस के मार्केटिंग के लिए आप सोशल मीडिया प्लेटफार्म से लेकर पैम्पलेट छपवाने, बैनर पोस्टर या फिर पर्ची बंटवाने तक के संसाधनों का प्रयोग कर सकते हैं। 

अपने रेस्टोरेंट की ओपनिंग से 1 सप्ताह पहले अख़बार डालने वाले हॉकरों से संपर्क करें, और घर - घर पर्चे बंटवाएं। इसके अलावा आप शहर के भीड़भाड़ वाले इलाके में पोस्टर भी लगवा सकते सकते हैं। अगर आप सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं, तो मार्केटिंग का कार्य आपके लिए काफी आसान हो जाएगा।

और हाँ! ब्लाइंड मार्केटिंग के अलावा, आप फोकस मार्केटिंग करें। मतलब, आपका कस्टमर कौन है, किस एरिया का है, किस एज ग्रुप का है, किस आमदनी रेंज का है, यह जान लें और उसके बाद ही अपने मार्कटिंग प्लान बनाएं।


कस्टमर के फीडबैक पर ध्यान (Customer's Feedback in Restaurant Business)

आपके पूरे बिजनेस का आधार आपके कस्टमर ही हैं। इसलिए आपके रेस्टोरेंट में आने के बाद कस्टमर को कैसा महसूस होता है, यानि कि उसका फीडबैक आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है। 

वहीं, इसमें ध्यान देने वाली बात यह है कि यह कोई आवश्यक नहीं है, कि कस्टमर आपके खाने की शिकायत करने के लिए आपके पास आये, बल्कि हर कस्टमर के सामने फीडबैक बॉक्स का ऑप्शन रहे, जिसमें वो अपनी शिकायतें नोट कर सके। 
आधुनिक ज़माने में आप कस्टमर के नंबर पर व्हाट्स आप के माध्यम से भी फीडबैक प्राप्त कर सकते हैं। अगर आपके रेस्टोरेंट की वेबसाइट या ऐप (App, Website for Restaurant Business) है, तो आप  कस्टमर फीडबैक प्राप्त करना और भी आसान हो जायेगा।

आप कस्टमर के फीडबैक(customer feedback) पर ध्यान देकर अगर सुधार करते हैं, तो निःसंदेह इसका सकरात्मक असर आपके बिजनेस पर पड़ेगा।

लाइसेंस और अन्य डॉक्युमेंट की व्यवस्था (Documentation, Licencing formalities for Restaurant Business )

अगर आप रेस्टोरेंट खोलने का मन बना चुके हैं, तो उसके लिए आपको सबसे पहले बिजनेस लाइसेंस लेना होगा। इसके लिए Food Safety and Standards Authority of India (FSSAI) से आवेदन करना होगा। इसके बाद आप जिस राज्य में रेस्टोरेंट्स खोल रहे हैं, वहां की राज्य सरकार द्वारा जीएसटी (GST) नंबर प्राप्त करना होगा, क्योंकि टैक्स भरने के समय आपको इसका इस्तेमाल करना होता है। 

वहीं राज्य के लेबर डिपार्टमेंट में भी आपको अपने रेस्टोरेंट का रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके अलावा पानी, बिजली और फायर डिपार्टमेंट से भी जरुरी डाक्यूमेंट्स प्राप्त करने होंगे।

रेस्टोरेंट की ग्रैंड ओपनिंग (Grand Opening of Restaurant Business )

आप इस बात का ध्यान रखें कि रेस्टोरेंट की ओपनिंग काफी भव्य होनी चाहिए, ताकि आसपास के लोगों में इस रेस्टोरेंट को लेकर क्रेज बने। आप लोकल लेवल पर किसी बड़े आदमी को ओपनिंग के लिए बुलाते हैं, तो यह  आपके रेस्टोरेंट लिए सही कदम हो सकता है। 

हालाँकि, इसे आप अपनी ज़रुरत के हिसाब से सिड्यूल कर सकते हैं। कई बार साइलेंट ढंग से कार्य करना भी फायदेमंद रहता है। पर अगर आप इन पॉइंट्स को ध्यान रखते हैं तो  पर लाभकारी हो सकता है।   

मेन कुक का बैकअप जरूरी (Cook / Chef back up in Restaurant Business )

इसमें कोई संदेह नहीं है कि खाने के व्यवसाय में या किसी भी रेस्टोरेंट्स के सक्सेस होने के पीछे कुक का अहम रोल होता है। वहीं कई बार यह भी देखने को मिलता है कि कुक की वजह से रेस्टोरेंट भी बंद हो जाता है। ऐसे में हमेशा बैकअप के तौर आप किसी काबिल कुक (Cook / Chef Hiring) के संपर्क में रहें। 

वहीं आप हेल्पर कुक को भी इतनी ट्रेनिंग दे सकते हैं, कि मेन कुक की गैरहाजरी में वह रेस्टोरेंट के मैन्यू को संभाल सके और स्वाद के साथ कोई समझौता ना हो।  

रेस्टोरेंट्स स्टाफ की प्रॉपर ट्रेनिंग (Staff Training on Regular basis, in Restaurant Business )

हर व्यक्ति का अपना व्यवहार होता है, लेकिन अगर आप किसी को अपने बिजनेस के लिए हायर कर रहे हैं, तो उसके व्यवहार को आप अपने अनुरूप बनाने की पूरी कोशिश करें। कहने का मतलब यह है कि आप अपने रेस्टोरेंट के सभी स्टाफ को इतनी ट्रेनिंग अवश्य दें, कि कैसे विनम्रता पूर्वक ग्राहकों से बात की जाए। 

ध्यान रखें, अगर ग्राहक आपके रेस्टोरेंट से खुश होकर जाएंगे, तो 'माउथ मार्केटिंग' (Mouth Marketing) के द्वारा यह आपके लिए कस्टमर लाने का काम करेंगे। 
वहीं, अगर कस्टमर आपके स्टाफ के बुरे व्यवहार की वजह से दुखी होकर जाएंगे, तो यह कई गुना ज्यादा आपके कस्टमर को खराब कर देंगे। इसलिए आप अपने स्टाफ को कस्टमर के साथ पेश आने की प्रॉपर ट्रेनिंग अवश्य दें।

सिर्फ एक बार नहीं... बल्कि बार बार!

क्यों हो जाते हैं अधिकांश रेस्टोरेंट बंद?  (Why are most restaurants closed)

ऊपर बताया गया है कि एक अच्छा फूड मार्केट चलाने के लिए क्या-क्या बारीकियों को ध्यान में रखना चाहिए, लेकिन यह भी सच्चाई है कि हर साल लगभग 60 परसेंट रेस्टोरेंट बंद हो जाते हैं, तो वहीं 5 साल के अंदर 80 पर्सेंट रेस्टोरेंट बंद हो जाते हैं। अब हम यह बताने की कोशिश करेंगे कि वह कौन सी ऐसी गलती होती है, जिसको ध्यान न देने की वजह से रेस्टोरेंट का बिजनेस फेल हो जाता है। 


सही लोकेशन का चुनाव ना करना (Location is important in Restaurant Business)

आप खाने का व्यवसाय कर रहे हैं, तो सबसे बड़ी बात यह है कि आपके रेस्टोरेंट में ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग आएं। इसके लिए यह भी आवश्यक है कि आपका रेस्टोरेंट ऐसी जगह पर हो, जहां भीड़ ज्यादा रहती है, और लोगों का आना जाना ज्यादा होता है। 

इसके अलावा आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए कि आपके रेस्टोरेंट के लोकेशन पर किस तरीके की भीड़ होती है, यानी कि अगर आप किसी मार्केट में अपना रेस्टोरेंट को खोल रहे हैं, तो वहां पर आपको फास्ट फूड सर्विस रेस्टोरेंट को प्राथमिकता देनी चाहिए। वहीं, अगर आप रिहायसी इलाके में अपना रेस्टोरेंट को खोल रहे हैं, तो फुल सर्विस रेस्टोरेंट खोल सकते हैं। 

रेस्टोरेंट के मालिक नहीं,  मैनेजर बनें (Be the manager, not the owner of the restaurant)

रेस्टोरेंट खोलने वाला अक्सर यह सोचता है कि एक बार एक रेस्टोरेंट खुल गया, तो लगातार इसी गति से चलता रहेगा, लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है, कि जब आप ऐसी सोच के साथ निश्चिंत हो जाते हैं, तो आपका अपने रेस्टोरेंट पर से नियंत्रण धीरे - धीरे खत्म हो जाता है।

इतना ही नहीं, जब आप मालिक की तरह व्यव्हार करेंगे, तो आप अपने रेस्टोरेंट की बारीकी को समझ नहीं पाएंगे, और छोटी - छोटी समस्या पर आपकी नजर नहीं पड़ेगी। ऐसे में आप पकड़ नहीं पाएंगे कि कब यहां कौन सी प्रॉब्लम शुरू हो रही है, और इसका सलूशन क्या होगा? 

कुल मिलाकर कहने का तात्पर्य है कि अगर आप रेस्टोरेंट के मालिक हैं, तो अपना व्यवहार मालिक की तरह ना रखकर अपने रेस्टोरेंट्स के मैनेजर जितना व्यवहार करें, और हर एक गतिविधि की बारीक जानकारी अपने पास रखें। 

ऐसे में आपकी सफलता के चांस बढ़ जाएंगे। 

रेस्टोरेंट खोलने के सन्दर्भ में हमने कुछ बेसिक जानकारी आप तक पहुँचाने की कोशिश की है। आपको यह जानकारी कैसी लगी, हमें अवश्य बताएं, और विषय से सम्बंधित कोई सुझाव हो , तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। 

(लेखिका: विंध्यवासिनी सिंह एक जानी मानी ब्लॉगर हैं, जो तमाम विषयों पर गहराई से शोध परक जानकारी प्रस्तुत करती हैं)



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